जिंदगी में किसी भी व्यक्ति से किसी भी प्रकार का कोई गिला शिकवा नही होना चाहिए। एक कहावत है, चार दिन की जिंदगी है, हँस कर निकाल दो। लेकिन इसके विपरीत लोग अपने जीवन को सही तरीके से जीने की बजाय किसी और की जिंदगी में दखल देने का प्रयास करते रहते है। अपनी जिंदगी को आसान और खुशहाल बानाने का प्रयास करते रहना चाहिए। किसी भी प्रकार के द्वेष और बदले की भावना किसी व्यक्ति के प्रति नही होना चाहिए।
अपने मन में हमेशा सकारात्मक और प्रगतिशील विचारो का समावेश होना चाहिए। जिससे हम एक खुशहाल और सकारात्मक जिंदगी व्यतीत कर सके। इस प्रकार हम अपनी जिंदगी को एक नया आयाम दे सकते है, जिसमे किसी के प्रति द्वेष और बदले की भावना ना हो।
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